श्री अलखेश्वर महाराज & महाराज
इक विनती मेरी सुनि लीजौ |
एक विनती मेरी सुनि लीजौ,
इक अरज हमारी सुनि लीजौ|
प्रभू तुम सब ज्ञानी से ज्ञाने हो,
और हम मूरख अज्ञानी हैं |
गुरु दोष गिनौ मति आज ओ आज,
कण भरि कृपा हमको दीजौ |
श्री अलखेश्वर................
गुरु काम क्रोध और मोह लोभ,
निष दिन हमको छल जाते हैं |
अब करने को उध्धार-उध्धार,
पल भरि की देरी ना लीजौ |
श्री अलखेश्वर ...............
प्रभू आप समान नहीं जग में,
और आप का मान रहे मन मैं |
दरशन को रहूँ बेकरार -बेकरार,
वरदान सभी हमको दीजौ |
श्री अलखेश्वर.................
हम बालक नादान भरे,
गुरुदेव तुम्ही हो भाग्य मेरे |
नाथ कर दो पूरे काज ओ काज,
बिगडी की सुधि अब लै लीजौ |
श्री अलखेश्वर...................
नईया डगमग मेरी डोलि रही,
पडि बीच भवंर में डूब रही |
गुरु करि देउ मुझको पार ओ पार,
अब हाथ में बल्ली लै ली जौ |
श्री अलखेश्वर महाराज- महाराज,
एक विनती मेरी सुनि लीजौ |
2 Comments
jay gurandi bhai
ReplyDeletethank you bhai
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