वचन अनमोल हैं प्यारे, जरा लहजे में बोला कर।
कहो फिर एक बार तुम कुछ, जरा हृदय में तौला कर ।।
न कोई मार इस जैसी, न कोई हार इस जैसी,
न कोई बार इस जैसी, न कोई पार इस जैसी,
न है खतरा बहुत भारी, न है सहज इक धारी,
न होगा कारगर कुछ भी, न होगा यादगार कुछ भी,
न होगा प्यार और कुछ भी, न होगा बेकार और कुछ भी,
न कोई दूर बोलेगा, न कोई खूब बोलेगा,
बता दूॅं बात फिर-फिर कर, बहुत ही मीठा बोला कर,
वचन अनमोल हैं प्यारे...................
सभी को खांड लगती है, सभी को आन लगती है,
सभी को प्यार बोली से, सभी साकार बोली से,
सभी ईष्वर से सुर बोलें, न उसके बंदे को मुख बोलें,
सभी सदाचार बोली से, सभी भाईचार बोली से,
सभी का मान बोली से, सभी अभिमान बोली से,
सभी व्यापार बोली से, सकल संसार बोली से,
सदां सच बोल कर प्यारे, कभी सजदे में जाया कर
वचन अनमोल हैं प्यारे, जरा लहजे में बोला कर।
कहो फिर एक बार तुम कुछ, जरा हृदय में तौला कर ।।
एक छोटी सी बात क्यों कोई नही समझता है कि ॥ मैं जिसकी जिक्र करता हूँ वो मेरी फिक्र करता है ॥
ये तो सभी के साथ होता ही है कि हम अपनी अकड मेंं उन्ही को भूल जाते हैंं जो कभी सब कुछ थे हमारे लिये लेकिन समय रह्ते सम्भल जाना दोस्तो जिंदगी बहुत बडी है।
जब किसी जरूरतमंद की आवाज तुम तक पहुंचे तो ईश्वर का शुक्र अता करना ।
वरना वो तो अकेला ही काफी है हम सब के लिये॥
जो बीत गया कल कितना अच्छा होता अगर वह आज होता तो में अपने सभी से सौरी कह उन्हे मना लेता
प्यार ही प्यार है इस दुनियाँ में गर प्यार की नजरों से देखो ।
धन से छोटा बडा न समझो रिस्तों की कीमत समझो ॥
ये बहुत बडी विडम्बना है कि सदां ही लोग कहते हैंं कि ये मैंने किया है, ये मेरा है, और ये मैं कर सकता हूँ। जबकि जो करने वाला है वह हमें कभी याद नहीं आता है हम उस परम पिता की ही संतान है और उसी का अंश हमारे अंदर समाया है और दुख तो इस बात का है कि हम कभी याद नहीं करते और वह इतना परम दयालू है कि वह हमें कभी भूलता नहीं है ।
॥ मरजी है तेरी शामिल मेरे दाता हर कारन में, हर कारन में ॥
॥ सफलता संघर्ष की दासी है ॥
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