गुरु चरणों में मुझको जगह दो, अब जी ना सकूंगा |
जी ना सकूंगा प्रभू जी ना सकूंगा...............
रख लो शरण में अपनी जग में कोई ना |
दर पै पडा हूँ तेरी आश खोई ना ||
सोये भाग्य जगा दो प्रभू जी ना सकूंगा............
जनम-जनम से भटक रहा हूँ |
काल फंद से बच ना सका हूँ ||
भव से पार करा दो प्रभू जी ना सकुंगा...........
मरजी तुम्हारी प्रभू खुद से हटा दो |
कर्मों की कोई मुझको सजा दो ||
पर बंधन से मुक्त करा दो प्रभू जी ना सकूंगा........
आप रूप ईश्वर का सतगुरु |
हम बालक नादान हैं अवगुण ||
अलख का ज्ञान दिला दो प्रभू जी ना सकूंगा ..........
आप ही बाग हैं आप ही माली |
मैं विछडा जन्मों से खाली ||
छोटा सा पुष्प बना दो प्रभू जी ना सकूंगा...........
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