नीद नहीं आती है मुझको, तेरे बिन मेरे सनम,
आ भी जा अब छोड के दुनियाँ, तेरा गम इतना क्या कम ।
दिल से तुझे दुआयें देता रब्बा तुझे करे अमर,
हर मौसम मेंं हर घडी में, लहराये तेरा परचम ॥
दिल का क्या है दिल तो पागल, इसको में समझाऊँगा,
प्यार तेरा ना पा में सका तो, मौत को गले लगाऊँगा ॥
मर भी गया ऐ काश खुदा तो, तुझको में न बताऊँगा,
चुपके से उस कब्र में रहकर, उसको पास बुलाऊँगा ॥
किया करूँगा प्यार की बातेंं, जो पहले ना कर पाऊँगा,
वो न अगर आयी मिलने तो, प्यार नहींं में करूँगा कम ॥
हर मौसम मेंं हर--------------------
इतना चाहूँ दुनियाँ में ना, कोई किसी को चाहेगा ,
भूल भी जाऊँ एक पल में तो, दिल न उसे भुलायेगा ।
मुझसे जुदा तू हो जायेगी, वो दिन कभी न आयेगा,
रूठे भले ही रब की दुनियाँ, तुझको प्यार तो आयेगा ॥
इतना भी ना जुल्म करो तुम, तड्पाना अब छोड भी दो,
सब्र की डोरी टूट चुकी है, निकला जाता है अब दम ।
हर मौसम मेंं हर-----------------------
याद करो वो बातेंं अपनी, कसमेंं खायींं थींं हमने ,
साथ जियेंंगे साथ मरेंंगे, सपना देखा एक ही हमने ।
चाँद भी शर्माकर छिप जाता, तारे करते आँखें बंद,
पहले सुंदर थी ये दुनियाँ, अब ना जाने क्यों वीरानापन ॥
जख्म हुये जाते हैं दिल पर, अक्सर तेरी यादोंं से,
प्यार मेरां एक सच्ची पूजा, ना मंदिर मस्जिद से कम ।
नीद नहीं आती है मुझको, तेरे बिन मेरे सनम,
आ भी जा अब छोड के दुनियाँ, तेरा गम इतना क्या कम ।
दिल से तुझे दुआयें देता रब्बा तुझे करे अमर,
हर मौसम मेंं हर घडी में, लहराये तेरा परचम ॥
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