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गुजरती है जहाँ से वो

 


गुजरती है जहांँ से वो. हजारों गुल खिलाती है 

अगर मिलना मैं चाहूंँ तो, वो मुझसे दूर जाती है 

मेरे ईक बात दिल में क्यों, चली और आ भी जाती है

मैंने इक ख्वाब देखा था, परी वो नजर आती 

चंचल सी हंसी खुशबू, आलम में वो बहाती है 

ना सोचूं मैं, फिर भी तो, मुझे वो गुदगुदाती है 

गुजरती है -----------------------

बताऊंँ एक दिन की बात, सितारों पर मैं घूमा था

उसी की मेहरबानी थी, उसे मैंने ना घूरा था 

नजर आती परी सी वो, जिसे रब ने सजाया है

मुझे तो दूर से  फिर भी,  इसारों से बुलाती है 

गुजरती है---------------------------

चमकती चांँद सूरज सी, ये लगता रत्न कोई है 

स्वरों की रागमाला वो, बातों में पिरोती है

नयन उसके भुलाते हैं, नजारे सब जमाने के 

नहीं मुझको पता मालूम, कहांँ से आती जाती है

गुजरती है----------------------------

मेरे जीवन की मलिका है, जिसे दिल में सजाया है 

नहीं खो पाऊंँगा उसको, मेरे जीवन का साया है

जहांँ में एक ही है जो, मेरे दिल को जो भाती है

गुजरती है जहांँ से वो, हजारों गुल खिलाती है

अगर मिलना मैं चाहूंँ तो, वो मुझसे दूर जाती है

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