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DOST

 

दोस्ती एक एहसास है दोस्त के भावोंं की आश है , 
जिसे शब्दोंं से वयां नहीं किया जा सकता क्योंंकि इसमें इश्वर का जो वास है।   

मित्रवर आपका तो अंदाज निराला है ।
मेरा तो रूप है सादा आपका चंद्र उजाला है॥
कह्ते है तुझे गम्भीर युवक ,
कोई मतलव का कहता है।
मेरे दो वचन सुने कोई ,
सारा जग तुझको छलता है।
वैसे तो जलन अग्नि में है,
पर सारा जग तुझसे जलता है।
लगता जाने एसा क्योंं है,
तन गोरा पर मन काला है।
मित्रवर आपका तो अंदाज निराला......
जग सुनता अगर सच्ची बातें तब तेरी हक़ीकत बतलाता,
की सत्य अहिंसा की पूजा सब का साथी तू बन जाता।
हो मित्र अगर जग में कोई वो तेरे जैसा लगता हो,
है आज अंधेरा तो क्या है कल तो तेरा उजियारा है।
मित्रवर आपका तो अंदाज निराला.......
है रूप तेरा सादा सिम्पल पर सुंदर बहुत तू लगता है,
कोई चाहे कितना भी कहे दर्पण सा मन तू रखता है।
सिद्दत से झलक लगती है अलग कोई आंखोंं में वसता है,
मेरा तो साथी भूल गया तेरा तो तुझको रुलाया है।
मित्रवर आपका तो अंदाज निराला........



दोस्त तो दोस्त होता है, खास क्या और नजदीक क्या होता है।
प्यार हो गर दोस्त के लिये तो जहाँगीर और रब क्या होता है॥



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